दुनिया का डर नही जो , तुझे उडने से रोके है..... | SWAPNIL KANKUTE

दुनिया का डर नही जो

तुझे उडने से रोके है , 

कैद है तू आपने ही ,

नजरिए के पिंजरे मे 

सोच तो बद्दल_____ एक बार मन की करके तो देख ...... 

दुनिया मे आए हो , कूछ करके तो दिखा ___


लोगो का क्या है ..?

कुछ हसेंगे ..!

कुछ हमारे जिंदगी का मझा लेंगे ____

 जिसके पास जीवन मे कुछ बने का मकसद नही व लोग 

कर भी क्या सकते है । 





 जिंदगी के राहमे मिल ही जाते है, आपनी परवाह करने वाले  

अरे ..! उसे ढुंढो ...... 

आपका इस्तमाल करने वाले तो आपको ढुंढ ही लेंगे. 

आदमी खुद के रास्ते खुद बनाता है। 

जीवन आपणा है , रख भरोसा खुद पर 

क्यो ढुंढते हो फरिश्ते 

पंछीओ के पास कहा होते है नकशे 

फीर भी ढुंढ लेते रास्ते .........

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